प्यासी रे उमरिया
कोनो संग न सहेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली
कोनो संग न सहेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली
सुन्ना हे डगरिया, हाय रे सांवरिया
कैसे के आवव, मे तोर नगरिया
छेके अरकट्टा
करे ठट्ठा बरपेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली
कैसे के आवव, मे तोर नगरिया
छेके अरकट्टा
करे ठट्ठा बरपेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली
तिरिया के पिरिया, जुलमी नजरिया
मीठ मीठ मया के, फांस लेथे किरिया
घाट घठौंदा खिंचे
हांथ हथेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली
मीठ मीठ मया के, फांस लेथे किरिया
घाट घठौंदा खिंचे
हांथ हथेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली
—एमन दास
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