आना दाई वो तोर बेटा बलावत हे
तोर अचरा के छइंहा खातिर तोला गोहरावत हे
आना दाई वो आ ना
आना दाई वो आ ना
भाई-भाई खून के प्यासा
दिखत हमरो नासा हे
आस उड़ागे ये दुनिया के
मोला अब तोरे आसा हे
आना दाई वो आ ना
आना दाई वो आ ना
झन कर अबेर वो दाई
बड़े बिपत के बेरा हे
मोह माया के जग बंधना
संउहत काल के डेरा हे
आना दाई वो आ ना
आना दाई वो आ ना
ताल लय सूर बोली भाखा
तोर किरपा ले पाये हंव
नव दिन नव राति मईया
तोरे सेवा ल गाये हंव
आना दाई वो आ ना
आना दाई वो आ ना
-एमन दास ‘अंजोर’