चलो कुछ इमानदारी दिखाये!
बहुंत हो गया खुद को डुबोय रखना।
थोड़ा हिम्मत करें बाहर आ जाये।।
चारो तरफ छली,कपटी खड़े दिखते है।
सत्य को जीताना है चलो भीड़ जाये।।
राह कठिन है बहुंत इस मंजर में।
थोड़ा सम्भल कर ही सही आगे बढ़ जाये।।
—एमन दास
बहुंत हो गया खुद को डुबोय रखना।
थोड़ा हिम्मत करें बाहर आ जाये।।
चारो तरफ छली,कपटी खड़े दिखते है।
सत्य को जीताना है चलो भीड़ जाये।।
राह कठिन है बहुंत इस मंजर में।
थोड़ा सम्भल कर ही सही आगे बढ़ जाये।।
—एमन दास
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