लाख कोशिशें करूं तुक तोड़ने की मगर,
मेरी कलम की तुक वही बोलती है।
मैं शहर शहर चिल्लाता डोलता हूं,
मेरी कलम गाँव गाँव बोलती है।।
-एमन दास
anjorcg.blogspot.com
मेरी कलम की तुक वही बोलती है।
मैं शहर शहर चिल्लाता डोलता हूं,
मेरी कलम गाँव गाँव बोलती है।।
-एमन दास
anjorcg.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें