सोमवार, 18 नवंबर 2019

लाख कोशिशें करूं तुक तोड़ने की मगर,
मेरी कलम की तुक वही बोलती है।
मैं शहर शहर चिल्लाता डोलता हूं,
मेरी कलम गाँव गाँव बोलती है।।
-एमन दास
anjorcg.blogspot.com

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