सावधान— महिला कमाण्डो आ रही है,,,
ते कहां जाबे दरूहा,
हमर ले बोचक के।
ए दैसे हुदर देहूं,
तोला कोचक के।
बेरा कुबेरा पी खा के,
कहूं बस्ती म ते आबे।
डउकी लइका ल तंग करबे,
लउठी बेड़गा उठाबे।
झगड़ा कहूं मताबे त,
ठठाबो नंगत के
ते कहां जाबे दरूहा,
हमर ले बोचक के।
रात दिन तो उही धंधा,
संझा सुंघत जाथस।
ढक्कन ढाबा खोल के,
उत्ता धूर्रा डरकाथस।
अबके कहूं सपड़ाए त,
रख देबो कुचर के,
ते कहां जाबे दरूहा,
हमर ले बोचक के।
गीतकार—
एमन दास मानिकपुरी 'अंजोर'
ग्राम व पोस्ट— औंरी,
तहसील— पाटन
जिला— दुर्ग, छ.ग.
ते कहां जाबे दरूहा,
हमर ले बोचक के।
ए दैसे हुदर देहूं,
तोला कोचक के।
बेरा कुबेरा पी खा के,
कहूं बस्ती म ते आबे।
डउकी लइका ल तंग करबे,
लउठी बेड़गा उठाबे।
झगड़ा कहूं मताबे त,
ठठाबो नंगत के
ते कहां जाबे दरूहा,
हमर ले बोचक के।
रात दिन तो उही धंधा,
संझा सुंघत जाथस।
ढक्कन ढाबा खोल के,
उत्ता धूर्रा डरकाथस।
अबके कहूं सपड़ाए त,
रख देबो कुचर के,
ते कहां जाबे दरूहा,
हमर ले बोचक के।
गीतकार—
एमन दास मानिकपुरी 'अंजोर'
ग्राम व पोस्ट— औंरी,
तहसील— पाटन
जिला— दुर्ग, छ.ग.
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