ऐ बावले बसंत!
आना था मधुमास लेकर
बारिश लेकर आ गये
भौंरे भी लगे कांपने
क्यों कलियों को तरसा गये
बारिश लेकर आ गये
भौंरे भी लगे कांपने
क्यों कलियों को तरसा गये
परसा फूल खार म
बिकट लजाए हे
जीभर के सेमर ह
समरे नइ पाए हे
बिकट लजाए हे
जीभर के सेमर ह
समरे नइ पाए हे
अरसी सरसो तिवरा चना
चनवारी म मताए हे
बदरी बदमाश गजब
बिल्होरे बर आए हे
चनवारी म मताए हे
बदरी बदमाश गजब
बिल्होरे बर आए हे
मौसम बसंती में
बेमौसम फुहार देखो
तन की तपन में
भीगे मन की बहार देखो
बेमौसम फुहार देखो
तन की तपन में
भीगे मन की बहार देखो
वासंती झोखें में
ये कैसी ठिठूरन हैं
बागो में बहती
अजब सी सिहरन हैं
पयडगरी पुछत हे
पौठा डहर चुप
बगरे बसंत तय
आजा कलेचुप
बागो में बहती
अजब सी सिहरन हैं
पयडगरी पुछत हे
पौठा डहर चुप
बगरे बसंत तय
आजा कलेचुप
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