शनिवार, 1 दिसंबर 2018

तोर सुरता म,,,,,

तोर सुरता म सवरेंगी संवरा गेव रे
तोर मया म पतरेंगी पतरा गेव रे
कुंदरू नार सही पीरा हा छछलगे 
पाके करेला कस छरिया गेव रे
तोर सुरता म,,, 

बागे बगैचा म मोर नै लागय मन
नरवा झिरिया कस झुखागे हे तन 
खार डोली कस गउकी बहरा गेंव रे।
तोर सुरता म,,, 

पाना पतेवना सही टुटत रइथव
भीतरे भीतर म में घुटत रइथव
हरदी सहीं सिरतोन कुचरा गेंव रे।
तोर सुरता म,,, 

तोर पिरित छैहा म सुरता लेतेंव का
हिरदे के पीरा ल गोठिया लेतेंव का
मय संसो म लेसा के अइला गेंव रे
तोर सुरता म,,, 

लोखन होगेे मया तोर मीठ बोली
आभा मारत आबे संगी मोर गली 
होके बियाकुल में बैहा गेव रे 
तोर सुरता म,,, 

—एमन दास​ मानिकपुरी 'अंजोर'



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