शनिवार, 1 दिसंबर 2018

बंदीछोड़

——सप्रेम साहेब बंदगी साहेब——
जय जय जय हे कबीर कृपालु।
बंदीछोड़ साहेब ​दीन दयालु।।
सुत उठ के बड़े बिहनिया,
तोला माथ नवांव।
जेती देखंव तेती साहेब,
सिरिफ तुहीं ल पांव।
बंश बियालिश तोरे शरण म,
घोंडत हंव दिन रात,
महूं ल चिन्ह लेबे साहेब,
राख लेबे मोर बात।
मय अढ़हा तोर महिमा के,
कतका करंव बखान,
बंदगी हवय पल छिन,
जपत रहंव सत्यनाम।
—साहेब की कृपा से

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