शनिवार, 1 दिसंबर 2018

''वोट के महिमा''

''वोट के महिमा''
तय जाने नहीं का जी,
तय जाने नहीं का ग,
अपन वोट के महिमा ल,
तय जाने नहीं,,,।
वोट के अधिकार ल सबो बर बनाये हे।
कईसे वोट करना हे पर्ची म लिखाये हे।
प्रत्याशी बने चुनना हे,
सिरतोन निमार के,
तय जाने नहीं का जी,
तय जाने नहीं का ग,
अपन वोट के महिमा ल,
तय जाने नहीं,,,।
अठारा साल से कोनो भी वोट कर सकत हे।
नाम जुड़ाये बर चुनई के पहिली बखत हे।
बड़ नोहर मौका हे,
झन भुलाहू गांव शहर के,
तय जाने नहीं का जी,
तय जाने नहीं का ग,
अपन वोट के महिमा ल,
तय जाने नहीं,,,।
कोनों लालच दिही त, लालच म नई आना हे।
सब काम काज ल छोड़ के, वोट करे बर जाना हे।
जागरूक जनता हन,
जागरूकता दिखाना हे,
तय जाने नहीं का जी,
तय जाने नहीं का ग,
अपन वोट के महिमा ल,
तय जाने नहीं,,,
हमन जान गेन जी संगी,
हमन जान गेन जी भैया,
अपन वोट के महिमा ल,
हमन जान गेन,,,।
गीतकार—
एमन दास मानिकपुरी

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