रविवार, 1 सितंबर 2013

'करिया कान्हा'

मुरली बजाऐ अउ रास रचाऐ ,
करिया कान्हा हो मधुबन म!

सिका ल टोरे अउ गगरी ल फोरे!
मइ हारिन के मया मही म जोरे !
खोजथे गुवालिन कोन गली बिलमाऐ,
करिया कान्हा हो मधुबन म!

बरजे नै माने पेलाही करे मोहना!
राधा रंगरेली बर जोग धरे जोगना!
बिरिजबन के छैला बाबू मती भरमाऐ,
करिया कान्हा हो मधुबन म!

अरजी हे मोर तोला ये महफ़िल म!
जनम जनम बर बसे मोर दिल म !
मनुख तन पाये हव अब झन गवाए !
करिया कान्हा हो मधुबन म!

जाने अनजाने ग कोन अब चिनही!
चले गे तेन अब कहा ले मिलही !
एमन के गोठ भइगे तिही पतियाऐ,
करिया कान्हा हो मधुबन म!

एमन दास मानिकपुरी
औरी, भिलाई-३, दुरुग वाले!
मो.7828953811

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