शनिवार, 1 दिसंबर 2018

——जागे——

नांगर जागे नंगरिहा जागे, जागे खेती खार।
नरवा जागे तरिया जागे, जागे डोंगरी पहार।
गांव जागे गंवइहा जागे, जागे जबर जोहार।
बेरा जागे बखत जागे, जागे तिथि तिहार।
पाना जागे पतेवना जागे, जागे फुल बहार।
कंवला जागे खोखमा जागे, जागे नदिया कछार।
रापा जागे कुदारी जागे, जागे गैंती धार।
बड़ तेज तुतारी जागे, जागे टंगिया कटार।
जाड़ जागे जड़इया जागे, जागे गोरसी आगी।
भुर्री जागे तपइया जागे, जागे पागा पागी।
कपाट जागे सकरी जागे, जागे छानही परवा।
पठेरा जागे पठौहा जागे, जागे मियार सरहा।
गुरू जागे चेला जागे, जागे कण्ठी माला।
काया जागे माया जागे, जागे अल्ला ताला।

गीतकार— एमन दास मानिकपुरी 'अंजोर'

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