गुरुवार, 5 सितंबर 2019

ये काफिले आने के और जाने के हैं
ज़िंदगी के चार दिन आजमाने के हैं
मौत के उसपार हकीकत की तस्वीर है
बांकी ये सब तो बस छलाने के हैं
-एमन दास मानिकपुरी
(anjorcg.blogspot.com)



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