मंगलवार, 26 नवंबर 2019

ऐ 'जय स्तम्भ'

कलेचुप!
रायपुर के छाती म ठाढ़े,
अत्तेक भीड़ म
ते का सोचत हस?

तोला सबो चिनथे
फेर तोर आन बान शान
बलीदान अउ स्वा​भिमान
ल कोन जानथे?

अनजान सहीं कतको
रेंग देथे तोर तीर ले,
गरब अउ अस्मिता के गोठ
ते कब गोठियाबे?

माटी बर छलकत लहू
स्वाभिमान बर बगियाये आंखी
बज्जर बीर के बीरता
ते देखे हस!

कतका पबरित हस ते
अउ पावन हे तोर इतिहास
बड़ जोर के सुरता ल 
समोख राखे हस अपन थाती म

—एमन दास मानिकपुरी


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