रविवार, 15 दिसंबर 2019

गीत

अमरैया म माते हे चिरैया
लोर गे हे आमा के डारा
संगवारी रे
बुले ल आबे मोर पारा

कैना लाहो लेथे तोर नैना 
मन ला बांधे बोली बैना
सवरेगी रे
काबर ले डारे मोर चैना 

कारी कोइली केे कुहकी  राजा मोर,
कुहक मारे बन में।
मोर माथा के लाली बन जा, 
राखे हव तोला मन में। 
हाय हिरदे के हीरा मोर 
तरसत जीव के आधारा 
संगवारी रे 
बुले ल आबे मोर पारा 
 


नरवा के तीरेच म
सुवा बैठे रथे जोरे पांखी
जौन देखे रतिया जथे
अइसे मंदमतौना आंखी
पानी पिरित चढ़े उतारा

मौहारी भाठा हे
डोंगरी के ओप्पार में
महक मारे मयारू
आ जबे खार खार में
सुरबैहा रे

— एमन दास मानिकपुरी
 anjorcg.blogspot.com







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