सोमवार, 9 दिसंबर 2019

तोर बिना अकेली

प्यासी रे उमरिया
कोनो संग न सहेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली

सुन्ना हे डगरिया, हाय रे सांवरिया
कैसे के आवव, मे तोर न​गरिया
छेके अरकट्टा
करे ठट्ठा बरपेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली

तिरिया के पिरिया, जुलमी नजरिया
मीठ मीठ मया के, फांस लेथे किरिया
घाट घठौंदा खिंचे
हांथ हथेली
तरस तरस मर जाहूं
तोर बिना अकेली

—एमन दास









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