रविवार, 1 सितंबर 2013

'चंदा के मया'

(आकाशवाणी रायपुर द्वारा प्रसारित)


चंदा के मया म सुरुज लुकागे,
हो सुवना कैसे के होही मिलाप!
उवत बुढत येद बेरा ह पहागे,
हो सुवना अंतस के जाने कोन बात!

दरस बिन जीयरा तरस भइगे,
आँखी म कटे सरी रात !
नरवा ढोरगा झिरिया झुखागे,
कि तरिया मरत हे पीयास!
हो सुवना अंतस के जाने कोन बात!

कजरा टिकली ककनी कलपथे,
कि पहुंची बनुरिया हे उदास!
लुगा के आंछी म आँसू सकलागे,
कि सेठरागे अचरा के आस!
हो सुवना अंतस के जाने कोन बात!

सावन म सावन सही नैतो लगे,
बदरा होगे बैरी बदमास!
उमड़ घुमड़ छाती म बरसथे,
सुरता के अंगना म अधरात!
हो सुवना अंतस के जाने कोन बात!

गीतकार- श्री एमन दास मानिकपुरी
सम्पर्क : औरी, भिलाई-3 दुर्ग छत्तीसगढ़ ।
मोबाईल : 78289 53811

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