गुरुवार, 28 नवंबर 2019

भाखा

गोठियाथौं त अंतस म,
बगर जथे भाखा।
संगवारी सहीं मन ल
टमर जथे भाखा।

दाई के कोरा अऊ
ददा के दुलार म।
मया बन पलपला के
ओगर जथे भाखा।

डोकरी दाई के थपकी
सहीं मोला लुलवारथे
बबा के खंधैया कस
मचल जथे भाखा।

बखरी बारी सहीं
बिक्कट सुख देथे।
नार सहीं करेजा म
छछल जथे भाखा।

मोर आँसू ल पोछथे
अपन अंचरा म।
मोर पीरा देख बगियाके
ऊमड़ जथे भाखा।

-एमन दास
anjorcg.blogspot.com

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