शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

रंग बहुत सारे

आओ अब न उलझाओ पीया

जनम जनम की प्यासी नैना
पलकन घुंघटा उठाओ पीया

कहीं बित न जाए ये  रैना
नेह की सेज सजाओ पीया

दरस परत झांप ले मुझको
मेरी चुनर ऐसी रंगाओ पीया

स्वांस स्वांस में आशा तेरी
अपना मुझे बनाओ पीया

बैरी बहुत ये बछर उमरिया
धीरे उंगली दबाओ पीया

लाज लहर  पी पी छकी हूं
प्रेम प्याला पीलाओ पीया

मैं अभागन हुई हूं सुहागन
संग अपने ले जाओ पीया

सुध सुरत टारे नहीं टरते
जल्दी बांह लगाओ पीया

भाते नहीं अब रंग बहुंत सारे
मुझे अपने रंग रंगाओ पीया

-एमन दास
anjorcg.blogspot.com



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